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वाराणसी दशाश्वमेध घाट में छत पर हुई गंगा आरती सुबह से शाम तक  में गंगा का जलस्तर डेढ़ मीटर से ज्यादा  बढ़ा

वाराणसी दशाश्वमेध घाट में छत पर हुई गंगा आरती सुबह से शाम तक में गंगा का जलस्तर डेढ़ मीटर से ज्यादा बढ़ा



वाराणसी : लगभग दो सप्ताह से स्थिर पड़े गंगा के पानी में फिर उफान आ गया है। गंगा का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ने लगा है। मंगलवार को सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे के बीच 12 घंटों में ही पानी में 1.56 मीटर की बढ़ोतरी हो गई।डेढ़ मीटर से अधिक पानी के बढ़ने का आलम यह कि घाट की सभी सीढ़ियां डूब गईं और शाम को आरती का स्थल बदलकर छत पर ले जाना पड़ा।



 गंगा के हरहराते जल को देख लोगों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। इससे तटवासियों में चिंता फैलने लगी है। नदी के जलस्तर के बढ़ने की यही गति रही तो बुधवार को इसका प्रवाह वरुणा और असि में भी पलट प्रवाह के रूप में दिख सकता है।



गंगा का जलस्तर रविवार की सुबह आठ बजे तक स्थिर था। शनिवार को हुई लगभग 26.8 मिमी वर्षा, रविवार को 6.8 मिमी व सोमवार को 2.4 मिमी वर्षा के बाद नदी का जलस्तर रविवार से 10 मिमी प्रति घंटा के वेग से बढ़ना शुरू हुआ। सोमवार की सुबह नदी के पानी में 13 सेंमी की बढ़त रिकार्ड की गई। सोमवार की शाम को गंगा आरती अपने निर्धारित स्थल पर ही हुई।



रात में पानी का बढ़ाव तेज हो गया। सुबह के आठ बजते-बजते पानी दो फीट यानी 60 सेंमी बढ़ गया। जलस्तर वृद्धि दर 60 मिमी प्रति घंटा रिकार्ड की गई। मंगलवार की दिन में इस बढ़ाव ने और जोर पकड़ा और 12 घंटे में ही पानी 1.56 मीटर बढ़कर 65.62 मीटर पहुंच गया। नतीजा, घाटों की सभी सीढ़ियां डूब गईं और आरती छत पर से करनी पड़ी। 



राजघाट पर बाढ़ का चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर है। यानी वर्तमान जलस्तर से महज 4.642 मीटर कम। यदि बढ़ाव इसी गति से कायम रहा तो बुधवार की शाम तक नदी के चेतावनी बिंदु छू जाने की प्रबल आशंका है।