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अमरनाथ यात्रा आज से शुरू उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रथम जत्थे को बेस कैंप से पहले किया रवाना

अमरनाथ यात्रा आज से शुरू उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रथम जत्थे को बेस कैंप से पहले किया रवाना



श्रीनगर . करीब तीन साल के बाद दक्षिण कश्मीर की पहाड़ियों में स्थित बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) बृहस्पतिवार से शुरू होगी. इस बार यह यात्रा 43 दिनों तक चलेगी.

अधिकारियों ने बताया कि पवित्र गुफा में प्राकृतिक रूप से बनने वाले बर्फ के शिवलिंग के दर्शन के लिए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने सभी तैयारियां कर ली हैं. जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (LG Manoj Sinha) ने बुधवार को जम्मू अधार शिविर से श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को रवाना किया. अधिकारियों ने बताया कि पहले जत्थे में 4,890 श्रद्धालु शामिल हैं जो बुधवार तड़के चार बजे भगवती नगर आधार शिविर से 176 वाहनों में सवार होकर काफिले के रूप में कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुए.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहलगाम और बालटाल, दोनों रास्तों पर पुख्ता सुरक्षा मुहैया कराने के लिए श्राइन बोर्ड के साथ जम्मू-कश्मीर प्रशासन समन्वय कर रहा है. उन्होंने बताया कि जो श्रद्धालु कठिन अमरनाथ यात्रा नहीं कर सकते उनके लिए बोर्ड ने ऑनलाइन 'दर्शन' की व्यवस्था की है. अधिकारी ने बताया, 'जो श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर नहीं आ सकते वे ऑनलाइन 'दर्शन', 'पूजा', 'हवन' और 'प्रसाद' की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं.'' उन्होंने बताया कि चूंकि तीन साल के अंतराल के बाद दोबारा यात्रा शुरू की गई है, इसलिए इस साल श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य से अधिक होने की उम्मीद है.

2020 और 2021 में कोविड महामारी के कारण यात्रा का आयोजन नहीं किया गया

गौरतलब है कि वर्ष 2019 में सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को रद्द किये जाने के मद्देनजर यात्रा बीच में ही स्थगित कर दी गई थी जबकि वर्ष 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी की वजह से यात्रा का आयोजन नहीं किया गया था. हाल ही में सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि इस बार अमरनाथ यात्रा पर (आतंकवादी हमले का) खतरा अधिक है. इसके मद्देनजर यात्रा सुचारु रूप से संपन्न् कराने के लिए सुरक्षा की अभूतपूर्व व्यवस्था की गई है.

श्रद्धालुओं की सुरक्षा मजबूत, केवल सत्यापित तीर्थ यात्री ही यात्रा में शामिल होंगे

अधिकारियों ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए पहले के मुकाबले तीन से चार गुना अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. उन्होंने बताया कि बालटाल और पहलगाम रास्ते पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और नयी सुरक्षा चौकियां स्थापित की गई है ताकि कोई विध्वंसकारी तत्व यात्रा को बाधित नहीं कर सके. केवल सत्यापित तीर्थ यात्री ही यात्रा में शामिल हों, यह सुनिश्चित करने के लिए एसएएसबी ने अमरनाथ यात्रा के इच्छुक लोगों को आधार या अन्य बायोमेट्रिक सत्यापित दस्तावेज साथ रखने को कहा है. तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के लिए तीन स्तरीय सुरक्षा में ड्रोन और आरएफआईडी चिप भी हिस्सा हैं.