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यूपी : वाराणसी में जन औषधि केंद्रों से आमजन को सस्ती दवाओं से वंचित रखने के कूचक्र के विरुद्ध में चिकित्सकों ने भी लिखीं जेनेरिक दवाएं।

यूपी : वाराणसी में जन औषधि केंद्रों से आमजन को सस्ती दवाओं से वंचित रखने के कूचक्र के विरुद्ध में चिकित्सकों ने भी लिखीं जेनेरिक दवाएं।


वाराणसी। जन औषधि केंद्रों से आमजन को सस्ती दवाओं से वंचित रखने के कूचक्र के विरुद्ध मिडिया द्वारा दो दिन तक चलाए गए समाचारीय अभियान का प्रभाव तीसरे दिन दिखने लगा। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अधिकारी सक्रिय हो उठे। शुक्रवार को अनेक जन औषधि केंद्रों की जांच की गई। 

वहीं संचालकों को जेनेरिक दवाओं की अधिक से अधिक बिक्री करने और लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए गए। उधर कई चिकित्सालयों के अधीक्षकों ने चिकित्सकों को निर्देश दिए और मरीजों की पर्चियों पर जेनेरिक दवाएं लिखी जानी शुरू हो गई।

वहीं दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय सहित अन्य कई अस्पतालों में भी शुक्रवार की सुबह से ही चिकित्सकों ने सरकारी पर्ची पर जेनेरिक दवाओं के नाम लिखकर सभी मरीजों को जन औषधि केंद्र पर दवा लेने के लिए भेजा और अस्पताल के अंदर ही दवाओं को लेने की बात समझाई। अस्पताल के डा.बी. राम, डा. अमरनाथ, डा. केके बरनवाल सहित दर्जनों चिकित्सकों की पर्ची पर जेनेरिक दवाएं लिखी मिलीं।

वहीं खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के औषधि निरीक्षक संजय दत्त ने बताया कि 'डाक्टर के कमीशन के चक्कर में दम तोड़ रहे जन औषधालय' को संज्ञान में लेकर यूनाइटेड फार्मेसी अर्दली बाजार, जिसके बोर्ड पर केवल 'अंग्रेजी दवाखाना एवं जेनेरिक औषधि' लिखा गया है, का निरीक्षण किया गया। संचालक ने बताया कि सस्ती जेनेरिक दवाओं के विक्रय को ही प्राथमिकता दी जाती है। 

वहीं औषधालय से जन औषधि के नमूने लेकर जांच के लिए राजकीय जनविश्लेषक प्रयोगशाला लखनऊ भेजे गए। उन्होंने बताया कि समय-समय पर जन औषधि केंद्रों की जांच की जाती रहती है। पिछले महीने में ही सात प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की जांचकर वहां से नौ जन औषधियों के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए थे।

वहीं औषधि निरीक्षक ने बताया कि जांच के दौरान जन औषधालयों पर ऐसी ब्रांडेड तथा अन्य फर्मो की दवाइयां मिलीं जो जन औषधि के रूप में वहां तक नहीं पहुंच पा रहीं हैं। इस संबंध में जब प्रधानमंत्री जन औषधि के नोडल अधिकारी मानवेंद्र सिंह चौहान से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इमरजेंसी के लिए ऐसी दवाइयां जन औषधि केंद्रों से बेची जा सकती है जिनका जेनेरिक फार्म उपलब्ध नहीं है।

वहीं जन औषधि केंद्र की निगरानी एजेंसी के कर्ता-धर्ता नोडल अधिकारी, जन औषधि मानवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि जनऔषधालयों में दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा दी गई हैं। चिकित्सकों द्वारा जेनेरिक दवाएं न लिखने की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई थी। इसका परिणाम रहा कि शुक्रवार को 80 फीसद से ज्यादा मरीज जन औषधि केंद्रों पर पहुंचे। 

वहीं ऐसी रिपोर्ट हर केंद्र से मिली। जन औषधि केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध हैं। हम लोग भी नजर रखे हुए हैं। जिन केंद्रों मे थोड़ी कमी देखने को मिली उन्हें जल्द सुधार करने की चेतावनी दे दी गई है। जन औषधि केंद्रों में हर तरह की दवा रखने की हिदायत दी गई है। 

वहीं इस दौरान औषधालयों के संचालकों को निर्देश दिया गया कि वे जेनेरिक दवाओं के अधिक से अधिक उपयोग के लिए लोगों को प्रोत्साहित करें। साथ ही आमजन को भी चाहिए कि वे अपने नजदीकी जन औषधि केंद्रों मे जाकर उच्च गुणवत्ता की सस्ती दवाओं का लाभ उठाएं।