Headlines
Loading...
कानपुर : सरकारी ड्यूटी के समय निजी प्रैक्टिस कर रहा डॉक्टर , पूछने पर " मैं कर सकता हूं , चाहें डीएम से पूछ लो "

कानपुर : सरकारी ड्यूटी के समय निजी प्रैक्टिस कर रहा डॉक्टर , पूछने पर " मैं कर सकता हूं , चाहें डीएम से पूछ लो "


कानपुर । यूपी सरकार लगातार स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने का दावा कर रही है लेकिन कानपुर देहात (Kanpur Rural) में तमाम दावे दम तोड़ते नजर आ रहे हैं. ऐसा ही एक नजारा कानपुर देहात के सामुदायिक केन्द्र में तैनात होम्योपैथी के सरकारी डॉक्टर का दिखा, जो सरकारी ड्यूटी के टाइम पर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हुए दिखाई दिए. यही नहीं अपने गुरूर में उन्होंने कैमरे के सामने ये तक बोल डाला कि वो प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकते हैं चाहे तो डीएम से इस बारे में पूछा जा सकता है. दिलचस्प बात ये हैं कि उन्होंने समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के सामने ही प्राइवेट क्लीनिक की होर्डिंग तक लगा रखी है.


कानपुर देहात के झींझक कस्बे में सरकारी सामुदयिक स्वास्थ्य केंद्र है. इस केंद्र के एक कक्ष में राज्य की होम्योपैथिक चिकित्सालय संचालित होता है और इस चिकित्सालय में निर्देश कुमार बतौर डॉक्टर तैनात हैं. दूर-दूर से मरीज यहां सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने के लिए आते हैं लेकिन डॉक्टर साहब अपनी ड्यूटी का सही तरीके से निर्वाहन ना करके अपना निजी क्लीनिक को चलाने में इस कदर मसरूफ हैं कि उन्हें इस बात की भी फिक्र नहीं कि जिस सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में उन्हें बैठने के लिए तैनात किया गया है और जहां पर मरीजों को देखने के लिए उन्हें सरकार मोटी रकम दे रही है उसी की स्वास्थ्य सेवा को बदहाल कर वो अपना निजी क्लीनिक धड़ल्ले से चला रहे हैं.


सरकारी ड्यूटी के टाइम पर अपने निजी क्लीनिक में प्रैक्टिस करते डॉक्टर साहब का एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें वो अपनी प्राइवेट क्लीनिक में ड्यूटी टाइम पर प्रैक्टिस करते नजर आ रहे हैं और जब उनसे सवाल किया जाता है तो वो पूरे विश्वास के साथ कहते हैं जी हां मैं प्रैक्टिस कर सकता हूं चाहो तो डीएम से पूछ लो. यही नहीं इन डॉक्टर साहब ने अपने सहयोगी के तौर चौकीदार को ही रख लिया. जब उनसे ये सवाल किया गया तो उन्होंने बड़ी साफगोई से कहा कि यहां कोई फार्मेसिस्ट नहीं है इसलिए हमने इनको ही काम सिखा दिया और ये पेशेंट्स को दवाइयों भी देते हैं.


जिस समुदायिक केन्द्र का चौकीदार जब मरीजों को दवाई देता तो आप ही अंदाजा लगा सकते हैं कि इस समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का क्या हाल होगा. बड़ा सवाल तो ये भी है कि जिस फार्मेसिस्ट की पढ़ाई करने के लिए सालों लगते हैं और लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं. उन्हें डॉक्टर साहब ने जरा सी ट्रेनिंग देकर फार्मेसिस्ट बना दिया. हालांकि बाद में जब डॉक्टर साहब से फिर सवाल किया तो उन्होंने इस बात से साफ इनकार कर दिया कि वो सरकारी ड्यूटी के टाइम पर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं.


इस घटना के बारे में जब एबीपी गंगा की टीम ने कानपुर देहात की जिलाधिकारी नेहा जैन से जब बात की तो वो खुद भी हैरत में पड़ गईं. उन्होंने कहा कि वो इस मामले दी जांच कराएंगी. ये मामला गंभीर है. उन्होंने कहां कि मैंने किसी को ऐसे कोई भी निर्देश नहीं दिए हैं. देखना दिलचस्प होगा कि इस पूरे मामले पर प्रशासन की ओर से क्या कार्रवाई की जाती है.