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असम में बाढ़ ने बढाई मुसीबत , अब तक 9 लोगों की मौत , 6 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित

असम में बाढ़ ने बढाई मुसीबत , अब तक 9 लोगों की मौत , 6 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित


नई दिल्ली । असम सरकार ने बाढ़ और भूस्खलन के कारण बराक घाटी के राज्य के अन्य हिस्सों से कट जाने के बाद वहां फंसे यात्रियों को निकालने के लिए क्षेत्रीय कंपनी फ्लाईबिग एयरलाइन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.


मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने यह जानकारी दी.

असम में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. राज्य के करीब 27 जिले के 6 लाख से ज्यादा लोग इससे बुरी तरह से प्रभावित है. 48 हजार से ज्यादा लोगों को 248 राहत शिविरों में शिफ्ट किया जा चुका है. होजाई और काचर बाढ़ से सबसे ज्याद प्रभावित है. राहत अभियान के तहत होजाई जिले के 2 हजार से ज्यादा लोगों को आर्मी की तरफ से निकाला जा चुका है. असम सरकार ने बाढ़ और भूस्खलन के कारण बराक घाटी के राज्य के अन्य हिस्सों से कट जाने के बाद वहां फंसे यात्रियों को निकालने के लिए क्षेत्रीय कंपनी फ्लाईबिग एयरलाइन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने यह जानकारी दी. आइये जानते हैं 10 बड़ी बातें-

1- सरमा ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सिलचर और गुवाहाटी के बीच 3,000 रुपये प्रति टिकट की निश्चित दर पर विशेष उड़ानें चलाने के लिए विमानन कंपनी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं.

2-उन्होंने कहा, ''वे अगले 10 दिनों के लिए इन उड़ानों का संचालन करेंगे और हमें उम्मीद है कि हर रोज 70-100 फंसे यात्री इस सेवा का लाभ उठाएंगे. विमानन कंपनी को सब्सिडी के रूप में सरकार अतिरिक्त लागत वहन करेगी.''

3-असम के बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसी गुवाहाटी एक्सप्रेस और गुवाहाटी-सिलचर एक्सप्रेस ट्रेन में सवार 1,000 से अधिक यात्रियों को स्टेशन पर रेलटेल की वाई-फाई सुविधा से मदद मिली जहां मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से चरमरा गया था.

4-रेलवे के उपक्रम ने बुधवार को यह जानकारी दी. रेलटेल ने पिछले सप्ताह असम में लामडिंग-बदरपुर पर्वतीय खंड पर फंसी दो ट्रेन के यात्रियों को स्टेशन वाई-फाई का उपयोग करके संचार प्रदान करने के लिए विशेष व्यवस्था की, क्योंकि भारी बारिश के कारण प्रभावित क्षेत्र में सभी ऑपरेटर की मोबाइल सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई थीं.

5-प्रभावित क्षेत्र पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के लामडिंग रेलवे डिवीजन के अंतर्गत आता है. यात्री इस विशेष व्यवस्था का उपयोग करके अपने परिवारों के साथ संवाद कर पाए. रेल प्रशासन ने भी इस कनेक्टिविटी सुविधा का उपयोग राहत और बचाव अभियान को प्रभावी ढंग से आयोजित करने के लिए किया.

6-खराब मौसम और लगातार बारिश के कारण लामडिंग-बदरपुर पर्वतीय खंड के कई स्थानों पर बड़े पैमाने पर भूस्खलन और जलभराव हुआ. इसके परिणामस्वरूप इस पर्वतीय इलाके में रेलवे ट्रैक, पुलों, सड़क और संचार नेटवर्क को नुकसान पहुंचा है.

7-एनएफआर जोन ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रभावित खंड पर पूरी तैयारी कर ली थी. हालांकि, अचानक आई बाढ़ में दो ट्रेन फंस गईं, जिनमें से प्रत्येक में लगभग 1,400 यात्री थे. एक ट्रेन सिलचर-गुवाहाटी एक्सप्रेस थी जो डिटकछड़ा स्टेशन पर रूकी थी और दूसरी असम के दीमा हसाओ जिले के न्यू हाफलोंग स्टेशन पर गुवाहाटी-सिलचर एक्सप्रेस थी.

8-रेलवे प्रशासन ने वायु सेना, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), असम राइफल्स और स्थानीय लोगों की मदद से बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया.

प्रभावित क्षेत्र में सभी ऑपरेटर की मोबाइल सेवा ठप हो जाने से स्थिति और मुश्किल हो गई.

9-रेलटेल ने कहा, ''इस कठिन परिस्थिति में रेलटेल कॉर्पोरेशन द्वारा रेलवे स्टेशन पर पहले से उपलब्ध वाई-फाई सुविधा कनेक्टिविटी प्रदान करने में बहुत उपयोगी साबित हुई. यात्रियों को अपने परिवारों से संपर्क करने के लिए स्टेशन वाई-फाई का उपयोग करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई.''

10-हाफलॉन्ग का ये इलाके अब भी बाढ़ की मार से अछूता है.. लिहाजा सेना के लोग इस जगह का इस्तेमाल राहत सामग्री बांटने के लिए कर रहे हैं. देखिए कैसे हेलिकॉप्टर से राहत पैकेट को यहां पहुंचाया जा रहा है. इसके बाद राहत पैकेट को बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर गिराया जाएगा.