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झारखंड : वरिष्ठ आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल व उनसे जुड़े देश के 20 ठिकानों पर ईडी का पड़ा छापा।

झारखंड : वरिष्ठ आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल व उनसे जुड़े देश के 20 ठिकानों पर ईडी का पड़ा छापा।


झारखंड। अवैध खनन मामले में झारखंड की वरिष्ठ आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल व उनसे जुड़े व्यक्तियों के 20 ठिकानों पर शुक्रवार की सुबह करीब सात बजे से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने एक साथ छापेमारी शुरू कर दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये ठिकाने झारखंड के रांची, खूंटी, राजस्थान के जयपुर, हरियाणा के फरीदाबाद व गुरुग्राम, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, बिहार के मुजफ्फरपुर व दिल्ली एनसीआर में हैं।

वही रांची में कांके रोड के चांदनी चौक स्थित पंचवटी रेजिडेंसी के ब्लाक नंबर नौ, लालपुर के हरिओम टावर स्थित नई बिल्डिंग, बरियातू के पल्स अस्पताल में छापेमारी की जानकारी मिली है। आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल के सरकारी आवास पर भी छापेमारी की सूचना है। इस पूरे प्रकरण पर प्रवर्तन निदेशालय की अधिकारिक पुष्टि का इंतजार है।

वहीं गोड्डा के सांसद डा. निशिकांत दुबे ने भी शुक्रवार की सुबह-सुबह ट्वीट कर पूरे मामले की जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट में आरोप लगाया है कि पूजा सिंघल ने मुख्यमंत्री, उनके भाई, गुर्गों आदि को कौड़ी के भाव में खान आवंटित किया। आखिर, उनके यहां ईडी का छापा पड़ ही गया जो देश में 20 ठिकानों पर चल रहा है। यह छापेमारी रांची, दिल्ली, राजस्थान, मुंबई में चल रही है।

वहीं ईडी ने मनरेगा घोटाले के एक मामले में झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर पूरे मामले की जानकारी से संबंधित शपथ पत्र दायर की थी। ईडी ने शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को बताया था कि झारखंड के खूंटी जिले में मनरेगा में 18.06 करोड़ रुपये के घोटाले के वक्त वहां की उपायुक्त पूजा सिंघल थी।

वहीं इस मामले में वहां के कनीय अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे, जिन्होंने ईडी को दिए अपने बयान में यह स्वीकार किया था कि कमीशन की राशि उपायुक्त कार्यालय तक पहुंचती थी। ईडी ने चतरा और पलामू के भी दोनों मामलों की चल रही जांच की जानकारी अपने शपथ पत्र के माध्यम से हाई कोर्ट को दी थी।

वहीं शपथ पत्र में बताया था कि पूजा सिंघल चतरा जिले में अगस्त 2007 से जून 2008 तक उपायुक्त के पद पर तैनात थीं। आरोप है कि उन्होंने दो एनजीओ को मनरेगा के तहत छह करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया था। इन दोनों एनजीओ में वेलफेयर पाइंट और प्रेरणा निकेतन शामिल है। उक्त राशि मूसली की खेती के लिए आवंटित की गई थी। जबकि इस तरह का कोई कार्य वहां नहीं हुआ था, जिसकी जांच अभी जारी है।

वहीं इसके अलावा पलामू जिला में उपायुक्त रहते हुए पूजा सिंघल पर यह आरोप है कि उन्होंने करीब 83 एकड़ जंगल भूमि को निजी कंपनी को खनन के लिए ट्रांसफर किया था। यह कठौतिया कोल माइंस से जुड़ा मामला है। ईडी ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले की भी जांच जारी है।