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यूपी : गोरखपुर में ठगी के बाद पीड़ित ने दिखाई सतर्कता तो लौटे 1.30 लाख रुपये, वहीं साइबर ठगों ने ऐसे लगाया था चूना।

यूपी : गोरखपुर में ठगी के बाद पीड़ित ने दिखाई सतर्कता तो लौटे 1.30 लाख रुपये, वहीं साइबर ठगों ने ऐसे लगाया था चूना।


गोरखपुर। साइबर ठगी के बाद पीड़ित की सतर्कता से पुलिस ने उसके 1.30 लाख रुपये दिलवा दिया। साइबर ठगों ने उसके सिम नंबर को भाग्यशाली नंबर बताकर उससे ओटीपी जान लिया था और उसके खाते से 1.30 लाख रुपये निकाल लिया था।

वहीं जालसाज ने ऐसे किया वारदात: साइबर सेल प्रभारी उपनिरीक्षक उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस टीम के सदस्य व साइबर सेल को आनलाइन ठगी के मामलों में त्वरित कार्रवाई करने को निर्देशित दिया गया है। ऐसे में साइबर ठगी के शिकार पीड़ितों की मदद के लिए पुलिस टीम सक्रिय है। 

वहीं उपनिरीक्षक को कुशीनगर क्षेत्र के रहने वाले राकेश राव ने बताया कि अप्रैल के पहले सप्ताह में अनजान नंबर से उनके मोबाइल पर काल आई। कालर ने बताया कि उनका नंबर भाग्यशाली नंबरों में चुना गया है और उन्हें एक बड़ा इनाम मिलेगा। प्रलोभित करके जालसाज ने उनका ओटीपी जान लिया और बीते 10 अप्रैल को उनके खाते से एक लाख तीस हजार रुपये की आनलाइन ठगी हो गई।

वहीं 24 घंटे के भीतर साइबर थाने पहुंचा था पीड़ित: ठगी का शिकार हुए राकेश राव ने इसकी सूचना 24 घंटे के भीतर 11 अप्रैल को साइबर थाने में दी। इस दौरान उपनिरीक्षक उपेंद्र सिंह ने पीड़ित को मामलों में त्वरित कार्रवाई करने को आश्वासन दिया। साइबर टीम गंभीरता से लगी तो आनलाइन ठगी करके पीड़ित के खाते से निकाली गई संपूर्ण राशि पुलिस ने वापस करा दी। रुपये वापस मिलने पर पीड़ित ने साइबर थाना पुलिस का आभार जताया।

वहीं साइबर सेल के उपनिरीक्षक उपेंद्र सिंह ने लोगों से अपील की है कि किसी से भी अपना पासवर्ड, ओटीपी और सीवीवी कोड शेयर न करें। किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक करने से बचें। आनलाइन ठगी का शिकार होने पर तत्काल 1930 नंबर पर अथवा नजदीकी थाने के साइबर सेल में अपनी शिकायत दर्ज कराएं।