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श्रीलंकाई राष्ट्रपति का पीएम मोदी से गुहार , कृपया हमारी मातृ भूमि बचाएं

श्रीलंकाई राष्ट्रपति का पीएम मोदी से गुहार , कृपया हमारी मातृ भूमि बचाएं


कोलंबो: श्रीलंका में गहराते आर्थिक संकट के बीच वहां के विपक्ष के नेता सजिथ प्रेमदासा ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस द्वीपीय देश को 'अधिकतम संभव सीमा' तक मदद मुहैया कराने का आग्रह किया है.

समाचार एजेंसी एएनआई के साथ सोमवार को हुई बातचीत में सजिथ प्रेमदासा ने पीएम मोदी से कहा, 'कृपया श्रीलंका की यथासंभव मदद करने का प्रयास करें. यह हमारी मातृभूमि है, हमें अपनी मातृभूमि को किसी भी कीमत पर बचाना है.'
श्रीलंकाई नेता ने गोटाबाया राजपक्षे सरकार की कैबिनेट के सामूहिक इस्तीफे को देश के लोगों को धोखा देने के लिए रचा गया मेलोड्रामा करार दिया. श्रीलंका में आर्थिक संकट से पैदा हुए राजनीतिक संकट के बीच नेता प्रतिपक्ष सजिथ प्रेमदासा ने कहा, 'गोटाबाया राजपक्षे की कैबिनेट का सामूहिक इस्तीफा एक मेलोड्रामा है, जो हमारे देश के लोगों को ठगने के लिए किया जा रहा है. यह देश की जनता को किसी प्रकार की राहत देने की दिशा में कोई वास्तविक प्रयास नहीं है, बल्कि बेवकूफ बनाने की कवायद है.

प्रेमदासा ने कहा कि श्रीलंका एक 'वृहत परिवर्तन' का आह्वान कर रहा है, जो उसके लोगों को राहत देगा न कि राजनेताओं को. उन्होंने कहा कि राजनीति म्यूजिकल चेयर वाला कोई खेल नहीं है, जिसमें राजनेता अपनी पोजि​शन बदल सकते हैं. सजिथ प्रेमदासा की अगुवाई वाले राजनीतिक गठबंधन ने समागी जाना बालवेगया ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया, 'हम इस्तीफा चाहते हैं और फिर एक राजनीतिक मॉडल चाहते हैं, जो वास्तव में काम करे. एक नया श्रीलंका बनना मजबूत संस्थानों के साथ शुरू होगा, न कि केवल नेतृत्व में बदलाव के साथ. अंतरिम सरकार आंतरिक दलगत राजनीति के अलावा कुछ और नहीं है.'

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने राष्ट्रीय संकट का समाधान खोजने के लिए विपक्षी दलों को एक सर्वदलीय सरकार में शामिल होने का न्योता दिया है. सभी राजनीतिक दलों को लिखे पत्र में, राजपक्षे ने मौजूदा संकट के लिए 'कई आर्थिक और वैश्विक कारकों' को जिम्मेदार ठहराया है. श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने विपक्षी दलों को भेजे पत्र में लिखा, 'एशिया के अग्रणी लोकतंत्रों में से एक के रूप में, इस संकट को लोकतंत्र के ढांचे के भीतर ही हल करने की आवश्यकता है. हमें राष्ट्रीय हित में नागरिकों और आने वाली पीढ़ियों के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए.'