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पंजाब : बठिंडा में तूड़ी न मिलने से परेशान डेयरी मालिकों ने डीसी को सौंपा मांग पत्र।

पंजाब : बठिंडा में तूड़ी न मिलने से परेशान डेयरी मालिकों ने डीसी को सौंपा मांग पत्र।

                      Jaspreet Kaur Singh Reporter

पंजाब। बठिंडा में तूड़ी के दाम आसमान छू रहे हैं, जिस कारण डेयरी मालिक परेशान हैं। मंगलवार को मालवा डेयरी फार्म क्लब के नेतृत्व में डेयरी मालिकों ने डीसी शौकत अहमद परे को मांग पत्र सौंपा और तूड़ी के दाम कम करने व इसे राज्य से बाहर भेजने पर रोक लगाने की मांग की।

वहीं यूनियन के जिला अध्यक्ष आत्मा सिंह की अगुआई में डेयरी मालिकों ने डीसी को बताया कि पशुपालक तूड़ी की किल्लत से परेशान हैं, जबकि पंजाब से बाहर बड़ी-बड़ी स्ट्रा ट्रालियां फैक्ट्रियों में जा रही हैं। तूड़ी की कमी को देखते हुए हरियाणा सरकार ने राज्य से तूड़ी के निर्यात पर रोक लगा दी है। ऐसे में पंजाब सरकार भी तूड़ी को पंजाब से बाहर भेजने पर रोक लगाए। भीषण गर्मी के कारण गेहूं की पैदावार के साथ तूड़ी भी घटी

वहीं इस बार भीषण गर्मी के कारण गेहूं के साथ-साथ तूड़ी की भी पैदावार आधी हो गई है। सामान्य दिनों में तूड़ी 200 से 250 रुपये प्रति क्विटल बिक रही थी, जो इस बार यह 600 से 800 रुपये प्रति क्विटल है। ऐसे में तूड़ी गरीबों की पहुंच से बाहर है, जिससे डेयरी मालिक परेशान हैं। उन्होंने कहा कि शहरों में डेयरी मालिक हर साल मवेशियों के लिए तूड़ी खरीदते हैं, लेकिन इस बार तूड़ी नहीं मिलने से वे परेशान हैं। 

वहीं अगर यही हाल रहा तो वे अपने पशु बेचने को मजबूर हो जाएंगे। कोयले के बजाय तूड़ी से चलने लगीं फैक्ट्रियांभाकियू उग्राहां भारतीय किसान यूनियन उगराहां के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा है कि तूड़ी की कमी के लिए किसान नहीं, बल्कि पूरी तरह से कारपोरेट घराने जिम्मेदार हैं। तूड़ी की कमी का कारण कोयले के दाम में बढ़ोतरी है।

वहीं फैक्ट्रियों के मालिकों ने महंगा कोयला खरीदने के बजाय तूड़ी खरीदकर फैक्ट्रियां चलानी शुरू कर दी हैं, जिससे तूड़ी के दाम कई गुना बढ़ गए हैं। उन्होंने पंजाब के किसानों से भी अपील की कि वे तूड़ी के मामले में मजदूर वर्ग की मदद करें ताकि वे अपने पशुओं को पाल सकें।