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NeoCov वायरस का फिलहाल इंसानों में फैलने का कोई खतरा नहीं, सतर्क रहने की जरूरत- जानिए क्या कह रहे हैं वैज्ञानिक?

NeoCov वायरस का फिलहाल इंसानों में फैलने का कोई खतरा नहीं, सतर्क रहने की जरूरत- जानिए क्या कह रहे हैं वैज्ञानिक?



नई दिल्ली । कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए प्रकार नियोकोव (NeoCov) के उभरने की खबर पिछले कुछ दिनों से इंटरनेट पर प्रसारित हो रही है. दावा किया जा रहा है कि नियोकोव (NeoCov) नाम का यह नया वायरस दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में चमगादड़ों के बीच खोजा गया है और यह संभवत: मानव कोशिकाओं में प्रवेश कर सकता है. यह समाचार रिपोर्ट स्पष्ट रूप से एक चीनी शोध पत्र पर आधारित हैं जिसकी अभी समीक्षा की जानी है.इसके अतिरिक्त NeoCoV पर बढ़ा-चढ़ाकर कही जा रही सारी बात अनुमानों पर आधारित हैं.NeoCov केवल चमगादड़ों में पाया गया है और इसने कभी किसी इंसान को संक्रमित नहीं किया है

अपने अध्ययन में चीनी शोधकर्ताओं ने पाया कि NeoCoV द्वारा जिस बैट (चमगादड़) रिसेप्टर्स का इस्तेमाल किया गया है, वो SARS-CoV2 द्वारा मनुष्यों को संक्रमित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले के ही समान थे. तीन लोगों में से एक को मारने की इसकी क्षमता सिर्फ इस तथ्य पर आधारित है कि इसका मर्स कोरोना वायरस (MERS Coronavirus) से बेहद करीबी संबंध है. शोध पत्र में कहा गया है कि एमईआरएस से संबंधित कोरोना वायरस का विस्तृत सेट, जिसे Merbecoviruses कहा जाता है, की मृत्यु दर लगभग 35 प्रतिशत है.


इंस्टिट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक डॉ अनुराग अग्रवाल ने कहा, ‘MERS कहीं अधिक घातक था और यह मनुष्यों के पास गया, लेकिन महामारी का कारण नहीं बना. हर चीज जो तेजी से हमारे सामने आती है, जरूरी नहीं कि वह महामारी बने. हालांकि यह बेहद जरूरी है कि हम जूनोटिक रोगजनकों (Zoonotic Pathogens) की निगरानी जारी रखें. जागरूक होना अच्छा है, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है.’

नियोकोव के चमगादड़ से इंसानों में जाने का खतरा अभी नहीं

NeoCov के चमगादड़ से इंसानों में जाने कोई खतरा फिलहाल नहीं है. अनुसंधानकर्ताओं ने इस बात का जिक्र किया कि अपने मौजूदा स्वरूप में नियोकोव मानव को संक्रमित नहीं करता है, लेकिन यदि यह और अधिक उत्परिवर्तित हुआ, तो यह संभवत: नुकसानदेह हो सकता है. अनुसंधानकर्ताओं ने कहा, ‘इस अध्ययन में, हमने अप्रत्याशित रूप से पाया कि नियोकोव और इसके करीबी संबंधी पीडीएफ- 2180-कोव, मानव शरीर में प्रवेश करने के लिए कुछ प्रकार के बैट (चमगादड़) एसीई 2 का प्रभावी रूप से उपयोग कर सकते हैं.’ एसीई 2 कोशिकाओं पर एक रिसेप्टर प्रोटीन है, जो कोरोना वायरस को कोशिकाओं से जुड़ जाने और संक्रमित करने के लिए प्रवेश बिंदु प्रदान करता है.

महाराष्ट्र राज्य कोविड-19 टास्क फोर्स के सदस्य और इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ शशांक जोशी ने NeoCov को लेकर एक ट्वीट में कहा, ‘नियोकोव रहस्य का पर्दाफाश 1. नियोकोव एक पुराना वायरस है जो ‘मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम’ (मर्स) से करीबी रूप से संबद्ध है और यह DPP4 रिसेप्टर्स के माध्यम से कोशिकाओं में प्रवेश करता है. 2. इस वायरस में नया क्या है.