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Health Tips : नियमित लेकिन संतुलित मात्रा में कॉफी का सेवन हो सकता है फायदेमंद

Health Tips : नियमित लेकिन संतुलित मात्रा में कॉफी का सेवन हो सकता है फायदेमंद



Health care tips : आमतौर पर माना जाता है कि कॉफी का सेवन हमारे शरीर को नुकसान पहुँचाता है क्योंकि इसमें कैफीन होता है. पोषण विशेषज्ञ डॉ दिव्या शर्मा बताती हैं कि कैफीन को लेकर लोगों में कई तरह के भ्रम व्याप्त हैं जिनमें से अधिकांश सही नही है. हालांकि यह सत्य है की ज्यादा मात्रा में कैफीन का सेवन सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है लेकिन यदि इसका सेवन संतुलित मात्रा में किया जाय तो यह शरीर को कई तरह से फायदा भी पहुँचा सकता हैं. विशेषकर कॉफी की बात की जाय तो दुनिया भर में हुए कई शोधों में भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि संतुलित मात्रा में कॉफी का सेवन सिर्फ कई बिमारियों से बचा सकता है।

कैफीन चाय, कॉफी और कोको के पौधे में पाया जाने वाला तत्व है जो एक स्टीमुलेंट यानी उत्तेजक के तौर पर कार्य करता है. यह हमारे दिमाग के केन्द्रीय तांत्रिक तंत्र तथा एडिनोसिन व एड्रेनेलिन आदि न्यूरोट्रांसमीटर व डोपामाइन सहित कई हार्मोन को प्रभावित करता है.

दुनिया भर में किए गए कई शोधों और परीक्षणों की माने तो संतुलित मात्रा में कॉफी के सेवन से केन्द्रीय तांत्रिका तंत्र को तो फायदा होता ही है, साथ ही ह्रदय रोगों, स्ट्रोक, टाइप टू मधुमेह, कैंसर, तथा ज्यादा वजन जैसी समस्यायों में राहत मिलती है. यहां यह जानना जरूरी है की कितनी मात्रा में कैफीन का सेवन सुरक्षित तथा फायदेमंद होता है.फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के सुझावों के अनुसार अधिकांश स्वस्थ वयस्कों के लिए एक दिन में 400 मिलीग्राम कैफीन के सेवन को सुरक्षित माना जा सकता है. आमतौर पर यह दो से तीन कप कॉफी तथा एक या दो एनर्जी ड्रिंक के बराबर की मात्रा होती है.

दुनिया भर में कॉफी के नियमित लेकिन नियंत्रित मात्रा में सेवन से होने वाले फायदों को लेकर किए गए कुछ शोध तथा उनके नतीजे इस प्रकार हैं.


वर्ष 2019 में जर्नल न्यूट्रिएंट्स में प्रकाशित ब्रिटेन में कोवेंट्री विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्धयन के निष्कर्षों में पाया गया था कि कैफीनयुक्त कॉफी पीने से खेलों में महिलाओं और पुरुषों, दोनों का स्टेमिना बढ़ता है और थकान में राहत मिलती है , जिससे उनके प्रदर्शन में सुधार होता है. वहीं वर्ष 2017 में चीन के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक शोध में भी यह बात सामने आई थी की कॉफी वजन कम करने और व्यायाम के दौरान स्टेमिना बढ़ाने में काफी मददगार हो सकती है. चीन के वुहान स्थित हुआ । 

जहांग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस शोध में चूहों पर परीक्षण किया गया था. इसके अलावा नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार भी विशेषतौर पर ब्लैक कॉफी हमारे शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में, वजन नियंत्रित रखने में तथा शरीर का मेटाबॉलिक रेट बनाए रखने में मददगार होती है.


वर्ष 2018 में यूरोपीय एसोसिएशन फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज के जर्मनी में आयोजित सालाना सम्मेलन में प्रस्तुत एक रिपोर्ट में स्वीडन के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट के एसोसिएट प्रोफेसर मैट्टियस काल्स्ट्रोम ने बताया था कि कैफीन तथा हाइड्रॉक्सीसिनेमिक एसिड्स का सेवन करने से मधुमेह टाइप-2 का खतरा 25 फीसदी कम हो सकता है. वहीं इंटरनल मेडिसिन स्वास्थ्य पत्रिका में प्रकाशित स्वीडन की ही चलमर्स यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी और उमिया यूनिवर्सिटी के संयुक्त शोध के नतीजों में शोधकर्ताओं ने बताया था कि फिल्टर कॉफी के नियमित सेवन से मधुमेह टाइप 2 के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है.


बीएमजे ओपन जनरल में प्रकाशित एक शोध रिपोर्ट के अनुसार कॉफी पीने वाले लोगों को लिवर कैंसर का खतरा कम रहता है. यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैंप्टन और यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस शोध में कॉफी के प्रभाव को लेकर पूर्व में किए गए लगभग 26 अध्ययनों के परिणामों का परीक्षण किया गया था. लगभग 2.25 मिलियन लोगों पर किए गए इस शोध के नतीजों में बताया गया था कि रोजाना एक कप कॉफी पीने वाले लोगों में लिवर कैंसर होने का खतरा 20 प्रतिशत तक कम तथा दो कप कॉफी पीने वालों में 35 प्रतिशत तक कम हो सकता है.



बुडापेस्ट के सेमेल्विस विश्वविद्यालय के एक शोध के निष्कर्षों में शोधकर्ताओं ने बताया था कि कॉफी का रोजाना सेवन दिल की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है. इस शोध में कॉफी पीने की आदतों और दिल के दौरे और स्ट्रोक की घटनाओं के बीच के संबंधों की जांच की गई थी. जिसके लिए शोधकर्ताओं ने यूके बायोबैंक के डाटा की भी मदद ली थी. शोध के नतीजों में अध्ययन के प्रमुख लेखक और कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर जुडिट साइमन ने बताया कि शोध में रोजाना तीन कप कॉफी का सेवन करने वालों में , कॉफी का सेवन नहीं करने वाले प्रतिभागियों की तुलना में स्ट्रोक का खतरा करीब 21 प्रतिशत कम पाया गया था. साथ ही उनमें हृदय रोगों से मृत्यु का जोखिम भी 17 प्रतिशत कम देखा गया था . इस शोध में 11 साल तक कुल 4,68,629 वयस्क लोगों के स्वास्थ्य और कॉफी पीने की आदतों का विश्लेषण किया.