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Budget 2022: वरिष्ठ नागरिकों की है ये उम्मीदें, ब्याज दर बढ़े, एन्युटी इनकम टैक्स फ्री की जाए

Budget 2022: वरिष्ठ नागरिकों की है ये उम्मीदें, ब्याज दर बढ़े, एन्युटी इनकम टैक्स फ्री की जाए


नई दिल्ली । बजट (Budget 2022) आने में एक हफ्ते से भी कम समय रह गया है. हर किसी को वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण से काफी उम्मीदें हैं. ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) को भी बजट से काफी उम्मीदे हैं. ब्याज दरें कम होने से वरिष्ठ नागरिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उनका नुकसान हो रहा है. वरिष्ठ नागरिक अपनी रोजाना की जरूरतों के लिए फिक्स्ड इनकम में निवेश करते हैं. बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट्स अधिकतर सीनियर सिटीजंस की पहली पसंद होती है जिन पर इस समय 6 फीसदी से भी कम की दर पर ब्याज मिल रहा है. बजट में वरिष्ठ नागरिकों की मांग है कि ब्याज दरें (Interest Rate) बढ़ाई जाए. इसके अलावा, एन्युटी इनकम को टैक्स फ्री कर दिया जाए. फिलहाल इसपर टैक्स चुकाना होता है.

एन्युटी इनकम टैक्स फ्री की जाए- नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) या अन्य पेंशन स्कीम से मिलने वाले एन्युटी या पेंशन पर टैक्स चुकाना पड़ता है. एकमुश्त मिलने वाली राशि पर टैक्स छूट मिला हुआ है, लेकिन मासिक या सालाना तौर पर मिलने वाले एन्युटी पर टैक्स चुकाना पड़ता है. इसके चलते सीनियर सिटीजन्स एकमुश्त एन्युटी रकम ले लेते हैं जिससे बाद में उन्हें वित्तीय समस्याएं झेलनी पड़ती हैं. वरिष्ठ नागरिकों को उम्मीद है कि सरकार बजट में एन्युटी इनकम को टैक्स फ्री कर दे.



कोरोना महामारी के चलते आरबीआई इकोनॉमिक ग्रोथ सुनिश्चित करने के लिए पिछले दो वरषों से ब्याज दरों को कम रखे हुए है. ब्याज दरें कम होने से वरिष्ठ नागरिकों को नुकसान हो रहा है. फिक्स्ड इनकम से उनको कम मुनाफा मिल रहा है. सरकार को वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय के लिए ब्याज दरें बढ़ाने की जरूरत है. इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों की मांग है कि सरकार एफडी (Fixed Deposit) पर स्पेशल ब्याज दर की घोषणा करे.


बजट से वरिष्ठ नागरिकों की बहुत सारी मांगे हैं. वरिष्ठ नागरिक पोस्ट ऑफिस में निवेश की सीमा बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा, उनकी मांग है कि सरकार पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश की सीमा को हटाए.


कोरोना महामारी के बाद इंश्योरेंस प्रीमियम बढ़ गए हैं. ऐसे में उन्हें इंश्योरेंस पर टैक्स की छूट दी जाए. सीनियर सिटीजन के इंश्योरेंस प्रीमियम पर गौर किया जाए. वरिष्ठ नागरिकों के लिए नए प्रोडक्ट लॉन्च किए जाएं जो टैक्स एफिशिएंट हो. सीनियर सिटीजन की इनकम बढ़ाने पर विचार किया जाए. पेंशन डिडक्शन और इंश्योरेंस टैक्स की छूट में बदलाव की जरूरत है.