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यूपी : विद्युत समाधान में अधिकारियों की नहीं हैं रुचि , पूर्वांचल की जिलों में यूपीपीसीएल से उपभोक्ता दिखे असंतुष्ट

यूपी : विद्युत समाधान में अधिकारियों की नहीं हैं रुचि , पूर्वांचल की जिलों में यूपीपीसीएल से उपभोक्ता दिखे असंतुष्ट


पूर्वांचल उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था में बिलिंग बढ़ोतरी की शिकायत अब आमबात बन गई हैं । इसी सुधार को लेकर विद्युत उपभोक्ता बिजली दफ्तरों में चक्कर लगाता है , लेकिन कर्मचारियों और आलाधिकारी को इन उपभोक्ताओं की शिकायत कोई समाधान नहीं किया जाता है, वहीं पूर्वांचल तथ्य मध्यांचल विद्युत वितरण निगम को इससे कोई लेना देना नहीं है । 

आपको बता दें कि विद्युत उपभोक्ताओं ने अपने शिकायत में कहा कि एक घर में औसतन केवल एक पंखा, और 2 एलईडी बल्ब का महीने में ₹500-1000 रुपए की बिल आ जाता है, वहीं लाखों रुपयों की विद्युत चोरी करने वालों पर ही स्थानीय विद्युत वितरण निगम के कर्मचारी और अधिकारी का संरक्षण रहता है, इसी भ्रष्टाचार के खेल में आम आदमी को भारी खामियाजा भुगतना पड़ता है। 


वहीं जौनपुर जिले से राम जगत यादव ने बताया कि विद्युत कर्मी एवं जेई दिनदहाड़े फैक्ट्रियों तथा अन्य ऐसे स्थानों से जहां विद्युत चोरी होती है । वहां से मनमाना तरीके से धन उगाही करते हैं और जब गरीब और मध्यम वर्गीय आदमी अपने ₹400-500 रुपए बिल का शिकायत लेकर स्थानीय अधिकारियों के पास जाता है तो विद्युत अधिनियम का पाठ समझाते हैं जबकि वह खुद धनउगाही करवाते हैं।


प्रदेश के मऊ जिले में विद्युत उपभोक्ता ने आरोप लगाया कि प्रीपेड तथा पोस्टपेड मीटर को मनमाना तरीके से बढ़ाकर विद्युत विभाग का यह खेल बरसों बरस से चला आ रहा है, केसरी न्यूज़ नेटवर्क के विद्युत भ्रष्टाचार के खिलाफ ग्राउंड सर्वे में सामने आया कि जिले के हर 10 में से आठ ऐसे उपभोक्ता हैं जो कि विद्युत विभाग से असंतुष्ट दिखे।


वही प्रयागराज में मनमाने तौर पर बिजली का बिल भेजने को लेकर व्यापारियों ने शुक्रवार को मुख्य अभियंता से मुलाकात की। कहा गया कि प्राइवेट कर्मचारियों द्वारा जो रीडिंग की जा रही है, उसमें मनमानी हो रही है। रीडर धनउगाही करते हैं। मांग पूरी न होने पर अपने तरीके से बिजली का बिल बना देते हैं, जिससे व्यापारियों के साथ ही आम लोग भी परेशान हो रहे हैं।


अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, उत्तर प्रदेश युवा उद्योग व्यापार मंडल, अखिल भारतीय महिला व्यापार मंडल के पदाधिकारी व अन्य व्यापारी शुक्रवार को मुख्य अभियंता कार्यालय में पहुंचे। मुख्य अभियंता विनोद गंगवार से मुलाकात कर बताया कि चौक, बजाजा पट्टी, नखासकोना, जीरो रोड, जानसेनगंज, विवेकानंद मार्ग, साउथ मलाका, सिविल लाइंस, खुल्दाबाद के अलावा कई बाजारों में रीडर मनमाने तौर पर बिजली का बिल बना रहे हैं।


प्रांतीय संगठन मंत्री रमेश केसरवानी ने कहा कि कई रीडर तो आते ही नहीं हैं। घर बैठे-बैठे अपनी मर्जी से बिजली का बिल बना देते हैं। जब आते हैं तो धनउगाही की बात करते हैं। इसलिए कार्रवाई जरूरी है। साथ ही इस पर रोक न लगाने पर सड़क पर उतरने की चेतावनी भी दी गई। मुख्य अभियंता को ज्ञापन भी सौंपा गया, जिस पर समस्या के निस्तारण का आश्वासन दिया गया। इस दौरान अखिल भारतीय महिला व्यापार मंडल की मंडल प्रभारी लक्ष्मी बहुगुणा, जिला उपाध्यक्ष अपूर्व चंद्रा, जिला सचिव पूनम द्विवेदी, संगठन मंत्री मीना देवी, अमित सिंह, बबलू सिंह रघुवंशी, विशाल कनौजिया, सैफ अहमद, मुनमुन, दिलीप कुमार काके आदि रहे।