Headlines
Loading...
कौन हैं सायानी घोष, जिनकी त्रिपुरा में हुई गिरफ्तारी तो टीएमसी के 12 सांसद गृहमंत्री से मिलने दिल्ली पहुंच गए? ?

कौन हैं सायानी घोष, जिनकी त्रिपुरा में हुई गिरफ्तारी तो टीएमसी के 12 सांसद गृहमंत्री से मिलने दिल्ली पहुंच गए? ?


कोलकाता । पश्चिम बंगाल की तृणमूल युवा कांग्रेस नेता सायानी घोष को त्र‍िपुरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि शनिवार रात सायानी ने मुख्‍यमंत्री बिप्‍लव देब की सभा को बाध‍ित किया, धमकी दी और ‘खेला होबे’ के नारे लगाए. 

सायानी की गिरफ्तारी से नाराज टीएमसी के 12 सांसदों का प्रतिनिध‍िमंडल दिल्‍ली पहुंचा और त्रिपुरा में पुलिस की बर्बरता की श‍िकायत करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगा है.



27 जनवरी, 1993 को कोलकाता में जन्‍मीं सायानी घोष ने बंगाली फिल्‍मों और धारावाहिकों से अपनी पहचान बनाई. टेल‍िविजन पर ‘इच्छे दाना’ धारावाहिक और बड़े पर्दे पर ‘नोटोबोर नॉटआउट’ फिल्‍म से कदम रखा. अपने फिल्‍मी करियर में राज चक्रवर्ती समेत कई सीनियर एक्‍टर्स के साथ काम किया. सिगिंग के अलावा सायानी 2013 और 2014 में जलसा मूवीज के लिए कलकत्‍ता फुटबॉल लीग की सह-मेजबानी भी कर चुकी हैं.

सायानी जनवरी, 2021 में चर्चा में आईं. इसकी वजह था एक धार्मिक विवाद. सायानी पर हिन्‍दू भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा. इस विवाद के कारण सोशल मीडिया पर सायानी को काफी आलोचनाएं भी झेलनी पड़ी थीं.


मार्च, 2021 में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में आसनसोल दक्षिण सीट ने सायानी को TMC की ओर से टिकट दिया गया. चुनाव में सायानी का मुकाबला भाजपा उम्‍मीदवार अग्निमित्र पॉल से था. चुनाव में सायानी हार गईं, लेकिन पार्टी ने इन्‍हें बड़ा पद दिया. अभिषेक बनर्जी को ह​टाए जाने के बाद जून 2021 में सायानी को तृणमूल कांग्रेस की युवा शाखा का अध्यक्ष घोष‍ित किया गया.


20 नवम्‍बर को टीएमसी नेत्री सायानी घोष उस क्षेत्र से गुजर रही थीं, जहां मुख्‍यमंत्री बिप्‍लव देब सभा कर रहे थे. यहीं भाजपा और टीएमसी के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हुई. सायानी ने ट्वीट करके कहा था कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने हम पर हमला किया. पुलिस ने हिट एंड रन और हत्‍या करने की कोशिश करने की धाराओं में केस दर्ज किया. 

वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सायानी ने मुख्‍यमंत्री बिप्‍लव देब की सभा को बाध‍ित किया, धमकी दी और ‘खेला होबे’ के नारे लगाए. 


पश्चिम बंगाल की तरह त्रिपुरा में भी भाजपा और टीएमसी के कार्यकर्ताओं के बीच आए दिन होने वाली लड़ाई ही इस गिरफ्तारी की बड़ी वजह है. टीएमसी के नेता कुणाल घोष का पक्ष है क‍ि त्रिपुरा में जंगलराज है, हालत यह है कि पुलिस के सामने ही हमें पीटा जाता है, लेकिन पुलिस कोई एक्‍शन नहीं लेती. भाजपा नेताओं का कहना है, जनता टीएमसी के नेताओं से परेशान है और नाराज है.