
AstraZeneca Vaccine Blood Clotting
corona vaccine
Covid-19
कोविशील्ड का टीका लगने के बाद ब्लड क्लॉट के 12 लक्षण, सरकार ने जारी की पूरी लिस्ट, यहां देखें
नई दिल्ली । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड वैक्सीन लेने वालों के लिए एक खास जानकारी दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि हेल्थकेयर वर्कर्स और वैक्सीन लेने वाले लोग बाकी लोगों को ‘थ्रोम्बोएंबोलिक सिम्पटम’ thromboembolic symptoms के बारे में जागरूक करें. यह लक्षण कोरोना का टीका लेने वाले लोगों में दिख सकता है. थ्रोम्बोएंबोलिक सिम्पटम शरीर में खून के थक्का (blood clotting) बनने से जुड़ा है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कुछ लोगों खासकर कोविशील्ड का टीका लेने वाले लोगों में थ्रोम्बोएंबोलिक सिम्पटम देखा जा सकता है. टीका लेने के बाद कोई परेशानी हो, उससे बचने का पहले ही इंतजाम किया जाना चाहिए. लोगों को जागरूक करने से वे इस बीमारी के बारे में जान जाएंगे और उससे जुड़े एहतियात बरतेंगे. थ्रोम्बोएंबोलिक सिम्पटम टीका लेने के 20 दिन के अंदर देखा जा सकता है.
भारत में टीका लेने के बाद ब्लीडिंग (खून बहना) और क्लोटिंग (खून का थक्का बनना) की शिकायत बहुत कम देखी जा रही है. जैसे-जैसे टीकाकरण का काम बढ़ेगा, वैसे-वैसे इसमें वृद्धि की संभावना हो सकती है. इसे देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इससे जुड़ी एक विस्तृत रिपोर्ट जमा की गई. देश के कुछ हिस्सों में वैक्सीन (कोविशील्ड) लेने के बाद ‘एम्बोलिक और थ्रोम्बोटिक’ की शिकायत देखने में आई है. ऐसी कुछ घटना 11 मार्च, 2021 को देखने को मिली थी. शिकायत मिलने के बाद सरकार की तरफ से इसकी पड़ताल कराई गई और रिपोर्ट जारी की गई.
क्लोटिंग और ब्लीडिंग से संबंधित घटनाओं की छानबीन के लिए कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है. रिपोर्ट में 498 गंभीर मामलों पर गौर किया गया. इनमें 26 केस थ्रोम्बोएंबोलिक से जुड़े मिले. इस बीमारी में खून की नली में थक्का बन जाता है. यह थक्का खून के अंदर ही टूट सकता है लेकिन खून के अंदर इसके बहने से अन्य धमनियों को नुकसान पहुंचने की आशंका बनी रहती है. ऐसी घटना कोविशील्ड के साथ ज्यादा देखी गई है और इसकी दर प्रति 10 लाख डोज पर 0.61 केस है. कोवैक्सीन के साथ भी ऐसे लक्षण मिले लेकिन वे गंभीर नहीं थे.
ऐसी शिकायतें यूके और जर्मनी में भी दिखी हैं लेकिन वहां भी मामले बेहद कम हैं. थ्रोम्बोएंबोलिक सिम्पटम किसी भी देश के किसी भी व्यक्ति में देखा जा सकता है लेकिन दनिया के कुछ भूभाग हैं जहां इसका असर ज्यादा है. वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि यूरोपीय देशों की तुलना में दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में इसका असर कम है. यह असर 70 परसेंट तक कम है. भारत में भी इसकी शिकायतें मिली हैं, लेकिन लक्षण गंभीर नहीं हैं. लोगों को परेशानी से बचाने के लिए सरकार ने जागरुकता अभियान चलाया है.
• सांस लेने में कठिनाई
• सीने में दर्द
• बांह में दर्द, बांह दबाने पर दर्द
• इंजेक्शन वाली जगह से हटकर चमड़ी पर लाल धब्बे या रैशेज
• उल्टी के साथ या बिना उल्टी के पेट में दर्द
• बदन पर कटे का निशान
• उल्टी के साथ सिरदर्द या बिना उल्टी के सिरदर्द
• कमजोरी, बांह में किसी शरीर के किसी अंग का पेरालिसिस (चेहरे पर भी)
• बिना किसी कारण के उलटी होना
• धुंधली नजर, आंखों में दर्द या कोई चीज दो-दो दिखना
• दिमागी हालत में बदलाव, कंफ्यूजन या डिप्रेशन ।
• सेहत की ऐसी कोई स्थिति जो चिंता में डालती हो।
कोविशील्ड कोरोना की वैक्सीन है जिसके परिणाम बेहद अच्छे देखे गए हैं. इसकी इफीकेशी भी उच्च है और यह कोरोना के संक्रमण और मृत्यु के खतरे को रोकने में सक्षम है. इस वैक्सीन का उपयोग भारत और दुनिया के कई देशों में हो रहा है. 27 अप्रैल, 2021 तक 13.4 करोड़ डोज लोगों को दी जा चुकी है. स्वास्थ्य मंत्रालय कोविड-19 के टीकों की बराबर निगरानी कर रहा है और सुरक्षा के सभी मानदंडों पर नजर रखी जा रही है. कहीं भी कोई विपरीत प्रभाव दिखने पर उसकी जांच कराई जा रही है.