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अहमदाबाद: गुजरात का मंदिर अस्पताल में बदला, साधु कर रहे कोरोना मरीजों की देखभाल

अहमदाबाद: गुजरात का मंदिर अस्पताल में बदला, साधु कर रहे कोरोना मरीजों की देखभाल


अहमदाबाद। कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है। अस्पतालों में बेड फुल हैं। कई अस्पतालों में ऑक्सीजन और जीवन रक्षक दवाईयों की किल्लत है। देश के कई एनजीओ और अन्य समाजसेवी संस्थान मरीजों की मदद के लिए तो हाथ आगे बढ़ाए ही हैं, मानव सेवा के लिए कई मंदिरों ने भी पहल की है।

गुजरात के वडोदरा में स्वामीनारायण मंदिर को कोविड अस्पताल में बदल दिया गया है। यहां के साधु कोरोना मरीजों की सेवा में लगातार जुटे हुए हैं। मंदिर के मानव सेवा की इस तस्वीर को ट्विटर पर कई लोगों ने सराहना की है। आईपीएस आरके विज ने एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए 'खूबसूरत नजारा' करार दिया है।पर्याप्त बेड होने के गुजरात सरकार के दावे पर HC ने सवाल खड़ा किया

गुजरात उच्च न्यायालय ने कोविड-19 मरीजों के लिए पर्याप्त बेड होने के राज्य सरकार के दावे पर सवाल खड़ा किया और जानना चाहा कि यदि बेड खाली हैं तो संक्रमित व्यक्ति क्यों भर्ती नहीं किये जा रहे हैं। राज्य सरकार ने मंगलवार को उच्च न्यायालय में कहा कि कोविड-19 अस्पतालों एवं अन्य उपचार केंद्रों में 79,944 बेडों में 55,783 ही भरे हैं, बाकी खाली हैं।

सरकारी वकील मनीषा शाह ने मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति भार्गव करिया की खंडपीठ के समक्ष एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान तथ्य रखा। खंडपीठ ने दो सप्ताह पहले कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस याचिका पर सुनवाई शुरू की थी। पीठ ने सरकार से कहा, ''शिकायतें आ रही हैं, शायद आपके पास भी शिकायतें आ रही हों, मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है क्योंकि अस्पतालों में जगह नहीं हैं। बेड उपलब्ध नहीं हैं। आपने जो आंकड़ा दिया है, उससे तो यही जान पड़ता है कि निर्धारित अस्पतालों में खाली बेड हैं।'' पीठ ने सरकार से सवाल किया, ''(यदि यह सच है) तब लोग ईधर-उधर क्यों चक्कर काट रहे हैं, अस्पतालों में बेड एवं उपचार के लिए पहुंच एवं पैरवी क्यों ढूढ रहे हैं।

देश में सामने आए कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों के 77.67 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत 10 राज्यों में सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि देश में लोगों के संक्रमित पाए जाने की दर लगातार बढ़ रही है और यह इस समय 15.99 प्रतिशत है। नए मामलों के 77.67 प्रतिशत मामले जिन 10 राज्यों में सामने आए हैं, उनमें कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात और राजस्थान शामिल हैं।