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लॉकडाउन: घर लौट रही मजदूर मां ने रास्ते में बच्चे को जन्मा, 2 घंटे बाद मासूम को गोद में उठा पैदल नाप दिया 150 KM का रास्ता

लॉकडाउन: घर लौट रही मजदूर मां ने रास्ते में बच्चे को जन्मा, 2 घंटे बाद मासूम को गोद में उठा पैदल नाप दिया 150 KM का रास्ता

• KESHARI NEWS24 • Wed, 13 May 2020 11: 47 AM • 

कोरोना लॉकडाउन की वजह से मजदूरों का पलायन जारी है। सैकड़ों-हजारों मजदूर अब भी अपने घरों की ओर पैदल ही लौट रहे हैं। इसी बीच एक गर्भवती महिला मजदूर ने घर लौटने के दौरान रास्ते में ही बच्चे को जन्म दिया। दरअसल, प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में महिला मजदूर महाराष्ट्र के नासिक से मध्य प्रदेश के सतना के लिए पैदल चल पड़ी। काफी समय तक पैदल चलने के बाद महिला को दर्द हुआ तो रास्ते में ही महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्मा। हैरानी की बात है कि बच्चा होने के बाद उस मां ने महज दो घंटे ही रेस्ट किया और उसके बाद वह फिर 150 किलोमीटर का सफर तय कर घर पहुंची। 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, महाराष्ट्र के नासिक से सतना के अपने गांव वापस जा रही एक गर्भवती प्रवासी महिला ने रास्ते में एक बच्चे को जन्मा। उनके पति का कहना है कि बच्चे के जन्म होने के बाद हमने 2 घंटे आराम किया और फिर हम कम से कम 150 किमी तक का सफर तय किया। 

बीते दिनों एक ऐसी ही घटना सामने आई, जिसमें एक महिला मजदूर चंडीगढ़ से मध्य प्रदेश के लिए पैदल जा रही थी, तभी करीब 180 किमी पैदल चलने के बाद महिला को दर्द हुआ तो उसने सड़क किनारे ही साथियों की मदद से बेटी को जन्म दिया। जन्म के एक घंटे बाद ही बच्ची को गोद में लेकर वह 270 किलोमीटर पैदल चलकर अलीगढ़ पहुंची। यहां कुछ देर रुककर एमपी तक का करीब 1100 किमी का सफर शुरू कर दिया।  

सोमवार रात में नवजात बच्चे के साथ अलीगढ़ पहुंची महिला मजदूर की कहानी रूह कंपाने वाली है। बच्चे के जन्म के एक घंटे बाद ही उसे गोद में लेकर महिला 270 किलोमीटर तक पैदल चल पड़ी। यहां भी चंद मिनट रुकने के बाद मंजिल की ओर चल पड़ी। अलीगढ़ के क्वार्सी चौराहे पर छह दिन के बच्चे को गोद में लेकर बैठी महिला का नाम मान कुमार है। वह अपने पति के साथ चंडीगढ़ में रहती है। 

लॉकडाउन के चलते एवं प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में वह अपने पति के साथ चंडीगढ़ से मध्य प्रदेश के लिए पैदल ही निकल पड़ी। वह पांच दिन पूर्व करीब 200 किमी का सफर तय करके उत्तराखंड के रूड़की में पहुंची थी। वहां पेट दर्द हुआ तो बच्ची को साथियों की मदद से जन्म दिया। इसके कुछ देर बाद ही मंजिल की ओर चल पड़ी। अलीगढ़ पहुंची महिला ने जब क्वार्सी गांव में स्थानीय लोगों को अपनी कहानी सुनाई और मदद की गुहार लगायी। इसके बाद ग्रामीणों महिला का उसकी नवजात बच्ची व पति के साथ पूरा सम्मान दिया। इतना ही नहीं, टोली में शामिल करीब 50 लोगों के लिए हलवाई लगाकर खाना खिलाया। उसके बाद टोली मध्य प्रदेश की ओर रवाना हो गई।