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गजब हाल है..एक साथ भेज दिया 10 साल का पानी का बिल, जमा नहीं करने पर दी मकान की कुर्की कराने की धमकी...

गजब हाल है..एक साथ भेज दिया 10 साल का पानी का बिल, जमा नहीं करने पर दी मकान की कुर्की कराने की धमकी...

मोदीनगर। इन दिनों मोदीनगर नगरपालिका की तरफ से शहरवासियों को 10 साल से लंबित पानी के बकाया बिल भेजे जा रहे हैं। ये बिल जमा नहीं करने पर मकान की कुर्की कराने की धमकी के नोटिस के साथ में भेजे गए हैं।इससे जनता परेशान है।

लोग नगरपालिका के अधिकारियों वह जनप्रतिनिधियों के सामने गुहार लगा रहे हैं। लेकिन किसी स्तर पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। लोगों का कहना है कि नगरपालिका अपनी आय बढ़ाने के लिए लोगों का शोषण करने का काम कर रही है।

नगरपालिका की तरफ से शहर में जगह-जगह पानी की टंकी लगाई हुई हैं। जिनकी पाइपलाइन कालोनियों में बिछाई गई हैं। इन पाइपलाइन से घर-घर पानी भेजा जाता है। इसके लिए 50 रुपये प्रतिमाह शुल्क लेने का प्रावधान है। लेकिन पिछले आठ से दस साल से किसी को इस बारे में नहीं बताया। ना ही अबसे पहले नोटिस जारी किये गए।

कितने हजार के हैं पानी के बिल?

पिछले एक महीने से शहर की अलग-अलग कॉलोनियों में लोगों को पानी के नोटिस भेजे जाने शुरू किये गए। इसमें रकम छह हजार से अधिक है। कुछ लोगों को तो 10 साल व 12 साल का बिल एक साथ भेजा गया है। मोदीनगर में अधिकांश लोग मध्यम वर्गीय परिवार से हैं।

अब ऐसे में एक साथ आठ या दस हजार का बिल जमा करना उनके मासिक खर्च के हिसाब को पूरी तरह बिगाड़ देने वाला है। लोगों का कहना है कि यदि नगरपालिका प्रतिमाह शुल्क ले तो जमा करने में कोई परेशानी नहीं है। लेकिन आठ-दस साल का एक साथ बिल भेजने का औचित्य उनकी समझ से बाहर है।

क्या बोले शहरवासी?

नगरपालिका ने पिछले आठ साल का बिल एक साथ भेजा है। एकदम से रुपये जमा करना आसान नहीं है। नगरपालिका को चाहिए कि वह प्रतिमाह पानी का शुल्क जमा करें। इस तरह आठ-दस साल का बिल भेजने का औचित्य समझ से बाहर है।

- अंकित चतुर्वेदी, शहरवासी

नगरपालिका द्वारा इस तरह आठ से दस साल का बकाया बिल भेजना सही नहीं है। प्रतिवर्ष के हिसाब से यदि बकाया बिल का नोटिस भेजा जाता तो लोगों को परेशानी नहीं आती।

- रवि कुमार, शहरवासी

पानी बिल बकाया को लेकर शहर में सर्वे कराया गया था। जिसमें सामने आया कि अधिकांश लोगों के ऊपर पानी का बिल बकाया है। इसलिए नोटिस भेजे गए हैं। यदि लोग प्रतिमाह नगरपालिका में बिल जमा करते तो इतने बकाया इकट्ठा ना होता।

- नरेंद्र मोहन मिश्रा, ईओ, नगरपालिका मोदीनगर