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शारदीय नवरात्र 2022 कन्या पूजन में 2 बालक होने क्यों हैं जरूरी, जानें इस पूजा का महत्व और विधान

शारदीय नवरात्र 2022 कन्या पूजन में 2 बालक होने क्यों हैं जरूरी, जानें इस पूजा का महत्व और विधान


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एजेंसी डेस्क
शारदीय नवरात्र 2022: भक्ति और शक्ति का महा पर्व नवरात्रि का त्योहार इस बार 26 सितंबर से शुरू हो चुका है, और पहले दिन से ही कई लोग कन्या पूजन करने लगते हैं।

कन्या पूजन करते समय क्या आपको पता है कि एक नहीं बल्कि दो बालकों की पूजा करना भी जरूरी माना जाता है। देवी पूजा में कन्याओं को तो देवी के रूप में पूजा ही जाता है, लेकिन बालक को भी किस रूप में पूजा जाता हैं?यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। तो आपको बता दें कि इन दो बालकों को भगवान गणेश और भैरव बाबा का रूप माना जाता है। 

इस वजह से बालकों को पूजा जाता है 

जिसकी वजह यह है कि गणेश भगवान के बिना कोई पूजा पूरी नहीं होती, इसलिए एक लड़का भगवान गणेश के रूप में पूजा जाता है। जबकि भैरव बाबा को माता रानी का पहरेदार माना जाता है। जिसके चलते दूसरे बालक के रूप में भैरव बाबा को पूजा जाता है। 

धार्मिक मान्यता है कि देवी पूजा इनके बिनी अधूरी होती है। वैसे तो कन्या पूजन में 9 कन्याओं का पूजन किया जाता है, लेकिन इसके साथ ही 2 लांगूर के रूप में पूजे जाने वाले बालकों का भी पूजन करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।