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ज्ञानवापी परिसर सर्वे : मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई आज , डीवाई चंद्रचूड़ पीठ करेंगी सुनवाई

ज्ञानवापी परिसर सर्वे : मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई आज , डीवाई चंद्रचूड़ पीठ करेंगी सुनवाई


वाराणसी । ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) परिसर के सर्वे-वीडियोग्राफी का काम पूरा हो गया है.


ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसपर आज सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की कामकाज सूची के मुताबिक, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्ह की पीठ ज्ञानवापी मस्जिद के मामलों का प्रबंधन करने वाली प्रबंधन समिति अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की याचिका पर दोपहर एक बजे के बाद सुनवाई करेगी.

चीफ जस्टिस एनवी रमन की अध्यक्षता वाली पीठ की ओर से शुक्रवार को जारी लिखित आदेश में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिका को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया गया था. हालांकि पिछले शुक्रवार को पीठ ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर धार्मिक परिसर के सर्वेक्षण के खिलाफ यथास्थिति के किसी भी अंतरिम आदेश को पारित करने से इनकार कर दिया था. लेकिन, चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ सुनवाई के लिए याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सहमत हो गई थी. पीठ ने अपने आदेश में कहा था, याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुज़ेफ़ा अहमदी की ओर से उल्लेख किए जाने पर हम रजिस्ट्री को निर्देश देना उचित समझते हैं कि वह मामले को डॉ. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करे. पीठ में न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और हिमा कोहली भी शामिल हैं.


मस्जिद समिति की ओर से पेश हुए अहमदी ने पीठ को बताया था कि स्थल पर किए जा रहे सर्वेक्षण के खिलाफ एक याचिका दायर की गई है और मामले में तत्काल अंतरिम आदेश की मांग की गई है. वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा था, हमने एक सर्वेक्षण के संबंध में याचिका दायर की है जिसे वाराणसी संपत्ति के संबंध में आयोजित करने का निर्देश दिया गया है. यह (ज्ञानवापी) प्राचीन काल से एक मस्जिद रही है और यह पूजा स्थल अधिनियम द्वारा स्पष्ट रूप से निषिद्ध है.

मुस्लिम पक्ष पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 और इसकी धारा 4 (प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट) का जिक्र कर रहा है, जो किसी भी पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र के रूपांतरण के लिए किसी भी मुकदमे को दायर करने या किसी अन्य कानूनी कार्यवाही शुरू करने पर रोक लगाता है. एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बीच सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करेगी, क्योंकि वाराणसी की एक अदालत ने सोमवार को वहां के जिला प्रशासन को उस परिसर के अंदर सर्वेक्षण स्थल को सील करने का निर्देश दिया, जहां सर्वेक्षण दल को कथित रूप से ‘शिवलिंग’ मिला है.


मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट में वाराणसी कोर्ट की ओर से एडवोकेट कमिश्नर की अगुआई में गठित कमेटी के गठन और 52 सदस्यीय कमेटी कि जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने पर रोक लगाने की मांग कर सकती है, जबकि हिन्दू पक्ष कि दलील में मस्जिद कमेटी कि याचिका के आधारों को बेतुका और गलत करार दिया जा सकता है. अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से याचिका पर सुनवाई करने के बाद क्या आदेश जारी किया जाता है.